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4 Month Pregnancy in Hindi: लक्षण, शारीरिक बदलाव, भ्रूण का विकास,आहार तथा सावधानियां।

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4 Month Pregnancy in Hindi : गर्भ में शिशु का विकास और जरूरी सावधानियां

4 Month Pregnancy in Hindi : अगर आप प्रेगनेंसी के चौथे महीने में पहुंच चुकी है तो तो आप प्रेगनेंसी के पहले तिमाही को खत्म कर चुकी है और दूसरे तिमाही में प्रवेश करने जा रही हैं। महिलाएं जैसे ही चौथे महीने में प्रवेश करती है उनको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है । इस दौरान महिलाओं के गर्भाशय का आकार बढ़ जाता है। साथ ही महिलाओं के शरीर में कई अन्य बदलाव आने शुरू हो जाते हैं।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने के दौरान शिशु का विकास, गर्भावस्था के लक्षण व सावधानियां के बारे में और जानें –

Four Month Pregnancy in Hindi: अब से शिशु तेजी से विकास करने लग जाता है । प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपका शिशु किस तरीके से किस तरह से विकास कर रहा है यह अल्ट्रासाउंड में आप अच्छे से जान सकती हैं। 4 महीने का गर्भ होने पर शिशु अब मूवमेंट करने लग जाता है।अब आप उसे मूवमेंट को आसानी से अनुभव कर सकती हैं। आपके शिशु का धीरे-धीरे पूर्ण विकास हो रहा है ऐसी स्थिति में हर मां को अपने पेट में पल रहे नन्ही सी जान के बारे में जानने की उत्सुकता काफी बढ़ जाती है और इसके साथ ही उनके शरीर में भी काफी बदलाव आने लगते हैं।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में दिखने वाले लक्षण:  4 Month Pregnancy Symptoms in Hindi

4 Month की Pregnancy में आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि इस समय शिशु का वजन और आकार दोनों बढ़ रहे होते हैं। इस दौरान आप में कई तरह के बदलाव आते हैं ऐसे में आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरुरत होती है।

16 Week Pregnancy Symptoms in Hindi : प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपका शिशु लगभग 16 सप्ताह का हो गया होगा इसलिए प्रेगनेंसी के चौथे महीने में होने वाले लक्षणों (4 Month Pregnancy Symptoms in Hindi) के बारे में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे है ध्यान से पढ़े :

भूख और प्यास का बढ़ना:

 प्रेगनेंसी की इस अवस्था में आपको भूख और प्यास ज्यादा से ज्यादा लगती है। इस दौरान आपको तरह तरह की चीजें खाने का मन करता है ।इस दौरान आप ज्यादा खाना खाती हैं और इसकी कारण आपका वजन भी इस महीने में बढ़ जाता है।

कमजोरी और थकान होना:

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का विकास काफ़ी तेजी से होता है ऐसे में उसको  ज्यादा पोष्टिक तत्वों की जरुरत ज्यादा होती है।ऐसे मे शरीर अधिक मात्रा मे खून का उत्पादन करने लगता हैं। जिसे शिशु को सभी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सके। यह आपके ब्लड प्रेशर , ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है । इस दौरान हार्मोन  असंतुलित हो जाते हैं जिसके कारण आपको थकान और कमजोरी का अनुभव होने लगता है।

सीने मे जलन होना:

प्रेगनेंसी के दोरान से सीने मे जलन की समस्या आम बात है। यह समस्या लगभग पूरी प्रेगनेंसी के दोरान आपके साथ रह सकती है। हार्मोन में बदलाव के कारण सीने में जलन की समस्या होती है। सही खानपान और अधिक मात्रा में पानी आपके इस समस्या को काफी हद तक दूर कर सकता है।

कब्ज और गैस की समस्या होना:

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में यह समस्या बहुत ही आम बात है। पाचन क्रिया के धीमी होने के कारण अक्सर कब्ज और गैस की समस्या महिलाओं में बनी रहती है।

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शारीरिक बदलाव

  • चेहरे में दाग धब्बे होना: एस्ट्रो जन हार्मोन के बढ़ने के कारण  चेहरे पर दाग,धब्बे और झाइयां हो सकती है। व अगर पहले से दाग , धब्बे की समस्या चेहरे पर है तो उनका रंग और अधिक गहरा भी हो सकता है।
  • टिश्यूज में सूजन होने की वजह से आपके हाथों में झनझनाहट की समस्या भी आ सकती है।
  • शरीर में ज्यादा खून की वजह से नसों पर प्रेशर पड़ना और वेरिकोज वेंस की समस्या होना आम बात हैं।
  • स्तनों का आकार बढ़ जाना: हार्मोन के बदलाव और असंतुलन के कारण आपके स्तनों का आकार बढ़ जाता है और निप्पल का रंग पहले से अधिक गहरा हो जाता है।
  • पेशाब की समस्या होना: शिशु का आकार और वजन बढ़ाने के कारण मूत्राशय में काफी दबाव पड़ता है जिसके कारण पेशाब बार-बार जाना पड़ता हैं।
  • नाक मे सूजन होना: एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण नाक में सूजन की समस्या हो सकती है जिसके कारण आपकी नाक बंद हो सकती है।
  • गर्भाशय का आकार बढ़ाने के कारण आपके शरीर के निचले हिस्से पीठ ,पेट ,कमर व जांघों में दर्द होना शुरू हो सकता है।
  • प्रेगनेंसी के वक्त आप बवासीर से पीड़ित भी हो सकती है तो ऐसे में आप डॉक्टर से अवश्य ही परामर्श ले ।
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प्रेग्नेंसी के चौथे महिने मे शिशु का विकास:  Baby Growth in Pregnancy Fourth Month

प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु का विकास काफी तेजी से होता है। शिशु का लगभग प्रत्येक अंग का विकास काफी तेजी से हो रहा होता है इसे देखने के लिए हम अल्ट्रासाउंड तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। साथ ही ये भी जानते है की 4 महीने का बच्चा पेट में कैसा होता है? इसकी लम्बाई, वजन आदि के बारे में जानेंगे।

  • इस दौरान बच्चें की हलचल भी महसूस होने लगती  है।
  • गर्भ में पल रहे शिशु की लंबाई लगभग 5 या 6 इंच तक हो जाती है वह एक गोल संतरे के आकार का नजर आने लगता है। चौथे महीने के अंत तक इसकी लंबाई लगभग 10 इंच तक भी हो सकती है।
  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु की हड्डियां भी मजबूत होने लगते हैं। शिशु के सिर ,भोहे और पलकों पर बाल आने शुरू हो जाते हैं।शिशु का वजन भी पहले से काफी बढ़ने लगता है। इस महीने शिशु का वजन लगभग 150 ग्राम तक पहुंच सकता है
  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने में शिशु के कानो का विकास भी होना शुरू हो जाता है। शिशु के कानों के अंदर की छोटी-छोटी हड्डियां मजबूत होने लगती है अब वह बाहर की आवाज़ भी महसूस करने लगता है।
  • शिशु की पूरी त्वचा पतले बालों से ढकी होती है जिसे गर्भरोम भी कहते हैं । यह गर्भावस्था के अंत तक उसके शरीर पर होते हैं।
  • शिशु अपना सारा समय अंगूठा चूसने और खाद्य पदार्थों को निगलने में व्यतीत करता है।
  • गर्दन का विकास पूरी तरह हो जाता है। लंग्स अभी पूर्ण रूप से नहीं बन पाते परंतु किडनी पूर्ण रूप से बन जाती है और अपना काम भी करने लगती है।

4 महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए:

गर्भावस्था के चौथे महीने (4 Month Pregnancy in Hindi) में शिशु को पोषक तत्वों की काफ़ी आवश्कता होती हैं।इस दौरान शिशु का काफ़ी विकास हो रहा होता हैं तो ऐसे में हमे अपने खानपान पर इन दिनों ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती हैं।

1. ज्यादा से ज्यादा विटामीन, प्रोटीन ,कार्बोहाइड्रेट, आयरन,  फाइबर युक्त खाद्य प्रदार्थों एवम अन्य सभी पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए। आपके और आपके शिशु दोनों के लिए जो फायदेमंद हो ऐसी चीजों का सेवन अधिक से अधिक करें।

2. आपके व आपके शिशु दोनों के लिए कैल्शियम की काफी जरूरत होती है। ऐसे में आप अपने खान-पान में डेयरी उत्पाद जैसे दूध ,दही,घी ,पनीर इत्यादि का सेवन जरूर करें

3. गर्भावस्था में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन की काफी जरूरत होती है। आप अपने आहार में साबुत अनाज ,ब्रेड ,विभिन्न फलिया ,आलू ,चिकन और दाल जैसे खाद्य पदार्थ अपने आहार में जरूर ले। इससे आपको ऊर्जा भी मिलती है।

4. गर्भावस्था के चौथे महीने में कब्ज की समस्या हमेशा बनी रहती है। इसे दूर करने के लिए आप फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में जरूर शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियां, चुकंदर ,पिस्ता ,अनार ,साबुत अनाज, संतरा, रेशे वाली सब्जियां, मौसमी ,ओटमील इत्यादि ।

5. ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थ आपके शिशु को किसी प्रकार का दिमागी खतरा या समय पूर्व डिलीवरी के खतरे से बचाने में काफी सहायक होती है। इसलिए आप अपने खाने में उचित मात्रा में फैटी एसिड अवश्य ले। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाय का दूध, मूंगफली ,ब्रोकली,शतावरी, अंडे,मछली ,स्ट्रॉबेरी इत्यादि का सेवन हमेशा ही करते रहे।

6. पर्याप्त मात्रा में पानी पिए इससे आप हमेशा ही हाइड्रेटेड रहेगी और आप प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले अधिक मोटापे से भी बचेंगी । आप पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें।

गर्भावस्था के चौथे महीने में रखे जाने वाली सावधानियां:
  • गर्भावस्था के चौथे महीने में गर्भपात होने का खतरा वैसे तो कम रहता है किंतु फिर भी हमें कुछ सावधानियां को बरतने की ज़रूरत होती हैं।
  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपको टाइट कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दौरान आप ढीले व सूती कपड़े ही इस्तेमाल में लाए
  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपको पेट के बल सोने से बचना चाहिए ।ऐसा करने से शिशु पर दबाव पड़ता है जिसके कारण शिशु को समस्या हो सकती है।
  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने में आपकी पाचन क्रिया धीमी काम करती है अतः इस दौरान हमें फाइबर युक्त भोजन का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी के दौरान आपको भारी समान बिल्कुल भी नहीं उठाना चाहिए। ऐसा करने से आपकी कमर पर काफी दबाव पड़ता है जिसके कारण शिशु को समस्या हो सकती है।
  • कैफीन का सेवन आप बिल्कुल भी ना करें। इसका प्रयोग करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है जिससे आपको समस्या हो सकती है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान आपको एल्कोहल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए ।यह मां और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान आपको गर्म पानी से नहाने से बचना चाहिए
  • आप सोते समय हमेशा बाई करवट लेकर सोए। इससे रक्त का प्रवाह ठीक रहता है।
  • गर्भावस्था के चौथे महिने के दौरान नाक से खून आना या नाक बंद होने जैसी समस्या  हो सकती है। इसलिए अपने साथ टिश्यू पेपर रखें और ज़रूरत पड़ने  पर उसका इस्तमाल करें।

प्रेग्नेंसी के चौथे महीने में कौन-से टेस्ट करवाने चाहिए4 Month Pregnancy in Test Hindi

प्रेगनेंसी में आप और शिशु दोनों स्वस्थ और सुरक्षित है । इसका पता करने के लिए आपको कुछ टेस्ट करवा लेना चाहिए। इस दौरान अगर कोई जटिलता आती है तो इसका समय रहते इलाज करवाया जा सके।

  • गर्भाशय के आकार की जांच करवाना
  • शुगर और प्रोटीन की जांच करवाना
  • शिशु के दिल की धड़कनों की जांच करवाना
  • ब्लड प्रेशर की जांच करवाना
  • प्रेगनेंसी के चौथे महीने में अल्ट्रासाउंड जरूर करवाना चाहिए इससे शिशु के विकास का पता चलता है। बच्चा एक है या जुड़वा इसका पता लगाने के लिए भी अल्ट्रासाउंड किया जाता है।
  • डाउन सिंड्रोम जैसे डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए इंटीग्रेटेड प्रिनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट करवाए जाते हैं।
  • पैरों और एड़ीयो में सूजन की जांच करने के लिए एडिमा टेस्ट किए जाते हैं।
  • न्यूरल ट्यूब दोष का पता लगाने के लिए अल्फा फेटोप्रोटीन टेस्टकारवाए जाते हैं।
  • जब किसी महिला को किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है उसका पता लगाने के लिए एम्नीयो सेंटेसिस टेस्ट किए जाते हैं।

प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपने सेहत का ख्याल जरूर रखना चाहिए इस समय आपके शिशु का विकास हो रहा होता है तो ऐसे में ऊपर दिए गए सावधानियों को जरूर मानना  चाहिए ताकि आप और शिशु दोनों ही स्वस्थ और सुरक्षित रहे।

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4 Month Pregnancy in Hindi के बारे में पढ़कर कुछ भी नई जानकारी मिली हो तो इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर करे। और अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम हॉस्पिटल या क्लिनिक में विजिट करे।

अंजली भारती


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