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HTTP और HTTPS क्या है? – HTTP और HTTPS में क्या अंतर है?

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HTTP और HTTPS दोनों इंटरनेट प्रोटोकॉल्स हैं जिन्हें वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच सुरक्षित डेटा संचार के लिए उपयोग किया जाता है। इनमें निम्नलिखित मुख्य अंतर होता है:

http और https In Hindi

हम आपको इस आर्टिकल के जरिये बताएंगे की HTTP क्या है? (Http In Hindi) और HTTPS क्या है? (Https In Hindi) यह कैसे काम करता है इसके अलावा आपको हम इस पोस्ट में HTTP और HTTPS में क्या अंतर है? इसके बारे में भी विस्तार से बताएंगे।

सबसे पहले शुरुआत करते है Http Full Form और Https Full Form के बारे में :

HTTP क्या है (http full Form In Hindi)

http: full form (Hypertext Transfer Protocol): HTTP एक अप्राकृतिक (unencrypted) प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच डेटा संचार करने के लिए होता है। यह वेब पेज्स, चित्र, वीडियो, ऑडियो, और अन्य संसाधनों को डाउनलोड करने और प्रदर्शित करने के लिए प्रयुक्त होता है। HTTP खुले पाठ के रूप में डेटा भेजता है, जिसका मतलब है कि इस प्रोटोकॉल का उपयोग करते समय डेटा असुरक्षित हो सकता है।

एचटीटीपी प्रोटोकॉल का इस्तेमाल नई साइट्स के लिए किया जाता है पर ये वेबसाइट सिक्योरिटी के पर्पस (Security Purpose) के लिए बिलकुल नहीं मानी जाती क्युकी इसमें Browser से server तक पहुंचने वाला डाटा को हैक या चोरी किया जा सकता है।

HTTPS क्या है? (https full Form In Hindi)

https: full form (Hypertext Transfer Protocol Secure): HTTPS एक सुरक्षित (encrypted) प्रोटोकॉल है जो सुरक्षा के साथ डेटा संचार करता है। यह एक SSL/TLS (Secure Sockets Layer/Transport Layer Security) प्रोटोकॉल का उपयोग करके डेटा को एन्क्रिप्ट करता है जिससे उपयोगकर्ता के और सर्वर के बीच की संचार गोपनीय रहती है। HTTPS वेबसाइटों, ई-कॉमर्स स्थापनाएं, बैंकिंग पोर्टल्स, और किसी भी साईट के लिए HTTPS एक सुरक्षित माना जाता है।

HTTP कैसे काम करता है?

HTTP (Hypertext Transfer Protocol) एक प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग वेब ब्राउज़र और वेब सर्वर के बीच डेटा के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है। यह एक client-server मॉडल पर काम करता है, जहां ब्राउज़र (client) वेब सर्वर के साथ अनुरोध भेजता है और सर्वर उसे उचित जवाब भेजता है।

HTTP काम करने के निम्नलिखित पदार्थों का उपयोग करता है:

  1. URL (Uniform Resource Locator): ब्राउज़र एक URL का उपयोग करके वेब सर्वर को खोजने का अनुरोध करता है। URL में वेब साइट का पता, सांदर्भिक सत्यापन (optional), और अन्य मार्ग सूचक होते हैं।
  2. HTTP Methods (GET, POST, PUT, DELETE, आदि): ब्राउज़र वेब सर्वर के साथ किसी कार्रवाई का अनुरोध करने के लिए विभिन्न HTTP मेथड का उपयोग करता है।

* GET: सर्वर से डेटा की प्राप्ति करने के लिए उपयोग किया जाता है।

* POST: सर्वर को नई डेटा भेजने के लिए उपयोग किया जाता है।

* PUT: सर्वर पर मौजूदा डेटा को अद्यतन करने के लिए उपयोग किया जाता है।

* DELETE: सर्वर पर मौजूदा डेटा को हटाने के लिए उपयोग किया जाता है।

HTTPS कैसे काम करता है?

HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) एक सुरक्षित संस्करण है जो HTTP का उपयोग करता है। HTTPS डेटा को एन्क्रिप्ट करके और सुरक्षित ढंग से आदान-प्रदान करने के लिए SSL (Secure Sockets Layer) या TLS (Transport Layer Security) प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। इसका उपयोग सुरक्षित ऑनलाइन लेन-देन, पासवर्ड, व्यक्तिगत जानकारी और अन्य संचार को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।

HTTPS काम करने का प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों पर आधारित होती है:

SSL/TLS Handshake: ब्राउज़र वेब सर्वर के साथ सुरक्षा सत्यापन आरंभ करता है। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

*Client Hello: ब्राउज़र SSL/TLS संस्करण, एक क्रिप्टोग्राफिक चुनौती, और रंगीनता सुचारूरुप से निर्धारित करता है।

*Server Hello: वेब सर्वर संस्करण, क्रिप्टोग्राफिक चुनौती, और प्रमाणीकरण प्रमाणपत्र (SSL/TLS प्रमाणपत्र) प्रदान करता है।

*Key Exchange: ब्राउज़र और सर्वर एक गुप्त कुंजी का आदान-प्रदान करते हैं, जिसका उपयोग डेटा को एन्क्रिप्ट करने और उसे डिक्रिप्ट करने के लिए होता है।

HTTP और HTTPS में क्या अंतर

HTTP (Hypertext Transfer Protocol) और HTTPS (Hypertext Transfer Protocol Secure) दोनों इंटरनेट पर डेटा को संचारित करने के लिए उपयोग होने वाले प्रोटोकॉल हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:

1. सुरक्षा (Security): सबसे बड़ा अंतर HTTPS और HTTP के बीच यह है कि HTTPS सुरक्षित होता है जबकि HTTP असुरक्षित होता है। HTTPS डेटा को एक्रिप्ट करके (डेटा को एक सुरक्षित रूप में बदलकर) और डेटा को संचारित करने के लिए SSL/TLS (Secure Sockets Layer/Transport Layer Security) प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। यह उपयोगकर्ताओं के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए मध्यस्थ कम्प्यूटर और वेब सर्वर के बीच एक सुरक्षित तंत्र स्थापित करता है। इसके बिना, HTTP के माध्यम से भेजे गए डेटा को कोई भी सुन सकता है और इसे अनुप्रयोगित कर सकता है।

2 . पोर्ट(Port): HTTP का उपयोग पोर्ट 80 पर होता है, जबकि HTTPS का उपयोग पोर्ट 443 पर होता है। इसलिए, एक वेब यूआरएल (URL) में HTTP या HTTPS का उपयोग करने से वेब ब्राउज़र को यह बताया जाता है कि वह कौन सा पोर्ट उपयोग करना चाहिए डेटा को संचारित करने के लिए।

3. प्रमाणीकरण: HTTPS अनुमति प्राप्त करने के लिए सर्टिफिकेट प्रमाणीकरण का उपयोग करता है। यह एक प्रमाणीकरण प्रक्रिया है जिसमें एक वेब सर्वर के द्वारा एक सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाता है और वह सर्टिफिकेट द्वारा प्रमाणित किया जाता है कि सर्वर सत्यापित है और सुरक्षित संचार स्थापित करने के लिए उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जा रही है। HTTP में इस प्रकार का प्रमाणीकरण नहीं होता है।

4. डेटा के पूर्ण होने की संभावना: HTTPS का उपयोग करने से एक और महत्वपूर्ण लाभ होता है कि संचारित डेटा की पूर्णता की संभावना बढ़ जाती है। HTTPS डेटा के खराब होने या बदले जाने की संभावना को कम करने के लिए एक्रिप्शन (encryption) का उपयोग करता है। HTTP में इस प्रकार की सुरक्षा नहीं होती है, इसलिए किसी को आसानी से डेटा को बदल और खराब करने की संभावना होती है।

इस प्रकार, HTTPS सुरक्षित, एन्क्रिप्टेड (एक्रिप्टेड) और प्रमाणित डेटा के संचार को सुनिश्चित करने के लिए HTTP से अधिक सुरक्षित है।

उम्मीद है की इस पोस्ट में  HTTP & HTTPS क्या है? इनका Full Form क्या होता है? और HTTP और HTTPS में क्या अंतर है? के माध्यम से आपको अच्छे से समझ आ गया होगा।


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मै एक हिंदी ब्लॉगर हूँ जहा Digital Marketing, Tech, Health, ऑनलाइन पैसा कमाए, स्टोरी आदि से रेलेटेड कंटेंट लिखता हु और अपने users को अच्छी जानकारी देने का प्रयास करता हु।

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